कभी कभी लगता है
लड़की बनकर पैदा होना कितना मुश्किल काम है
बचपन से देखें तो समाज का डर
हर तरह के लोग यहाँ हैं
सुना है हिंदोस्ताँ में बच्चों की बड़ी संख्या
चाइल्ड अब्यूस से गुज़रती है
उनमें भी मेरे ख्याल में ज़्यादा ख़तरा Girl Child के लिए हैं
वैसे तो लाखों लड़कियों पर Feticide का हमला हो चुका होता है
जो बच जाती हैं उन पर बचपन में ही Child Abuse का ख़तरा बना रहता है
Data बताता है ये हाल कमज़ोर वर्ग में नही, Posh Localities का है.
वक़्त से आओ वक़्त से जाओ, लड़कियों के लिए यह कोर्स बेहतर है वो बेहतर है
अगर कहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट use किया तो मौका परस्त वहशी
अगर वहाँ बचे तो कॉलेज में, दफ़्तर में घर में ही अपनी Muscular Power से डराने वाले भाई
और फिर भगवान ने भी कुछ Chemistry ऐसी बिठाई की हर मास उर्जा का हनन
अगर लड़की चालक ना हो तो अक्सर Romantic Relationships में भी घाटे का सौदा ही रहता है
लड़की के लिए, (लड़की अगर कूटनीति जानती हो तो सत्ता पे बैठने वाले भी उसकी इजाज़त ले ऐसी
ताक़त ज़रूर है लड़कियो के पास)
खैर ये सब झेलने के बाद पति कैसा मिलेगा, ये बहुत बड़ा सवालिया निशान है
जैसी male dominant upbringing है बच्चों की, सही लड़के मिलना सबसे कठिन कामों में से है
फिर भी बेचारे उर्जा हीन लड़के मिल ही जाते हैं, उनमें बोलने की उर्जा नहीं वो लड़ भी नहीं सकते
इस तरह के लड़के बहुत demand में रहते हैं....गाय टाइप जो अच्छे दुधारू हों, पर सीँघ ना हो
I am sure भगत सिंग जैसे को तो कोई अपनी लड़की ना देता |
खैर शादी हो गयी, अब लड़के की दादा गिरी शुरू हो गयी, लड़के को पुरानी training है
चलो लड़के की ना हुई, सास से तो बच ना पाओगे
सास के हाथ तो अब मौका लगा है वो सब करने का जो उसने झेला है अपनी सास से
तो एक नये बॉस का अवतार होता है
घरवाले इसलिए जल्दी आने को कहते थे की बाहर सेफ नहीं
सास इसलिए जल्दी आने को कहती है की घूमना allowed नहीं
अब भी लड़की घड़ी से चल रही है, अब भी नियम हैं, ज़्यादा सख़्त
वो क्या है ना की इंसान की प्रकृति ही ऐसी है, ताक़त मिले तो वह उपयोग ज़रूर करता है
सदुपयोग जितने काबिल तो हम नहीं, इसलिए ताक़त का हमेशा दुरुपयोग होता है
और ऐसा नहीं के ये लड़की एक अच्छी सास बनेगी , वहीं बनेगी जो training हो रही है
क्यूंकी सास भी कभी बहू थी का असली मायाना यह है
वो नहीं जो #SmiritiIrani दुनिया को दिखा के गयी
सही समाज बहुत पीछे है |
लड़की बनकर पैदा होना कितना मुश्किल काम है
बचपन से देखें तो समाज का डर
हर तरह के लोग यहाँ हैं
सुना है हिंदोस्ताँ में बच्चों की बड़ी संख्या
चाइल्ड अब्यूस से गुज़रती है
उनमें भी मेरे ख्याल में ज़्यादा ख़तरा Girl Child के लिए हैं
वैसे तो लाखों लड़कियों पर Feticide का हमला हो चुका होता है
जो बच जाती हैं उन पर बचपन में ही Child Abuse का ख़तरा बना रहता है
Data बताता है ये हाल कमज़ोर वर्ग में नही, Posh Localities का है.
वक़्त से आओ वक़्त से जाओ, लड़कियों के लिए यह कोर्स बेहतर है वो बेहतर है
अगर कहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट use किया तो मौका परस्त वहशी
अगर वहाँ बचे तो कॉलेज में, दफ़्तर में घर में ही अपनी Muscular Power से डराने वाले भाई
और फिर भगवान ने भी कुछ Chemistry ऐसी बिठाई की हर मास उर्जा का हनन
अगर लड़की चालक ना हो तो अक्सर Romantic Relationships में भी घाटे का सौदा ही रहता है
लड़की के लिए, (लड़की अगर कूटनीति जानती हो तो सत्ता पे बैठने वाले भी उसकी इजाज़त ले ऐसी
ताक़त ज़रूर है लड़कियो के पास)
खैर ये सब झेलने के बाद पति कैसा मिलेगा, ये बहुत बड़ा सवालिया निशान है
जैसी male dominant upbringing है बच्चों की, सही लड़के मिलना सबसे कठिन कामों में से है
फिर भी बेचारे उर्जा हीन लड़के मिल ही जाते हैं, उनमें बोलने की उर्जा नहीं वो लड़ भी नहीं सकते
इस तरह के लड़के बहुत demand में रहते हैं....गाय टाइप जो अच्छे दुधारू हों, पर सीँघ ना हो
I am sure भगत सिंग जैसे को तो कोई अपनी लड़की ना देता |
खैर शादी हो गयी, अब लड़के की दादा गिरी शुरू हो गयी, लड़के को पुरानी training है
चलो लड़के की ना हुई, सास से तो बच ना पाओगे
सास के हाथ तो अब मौका लगा है वो सब करने का जो उसने झेला है अपनी सास से
तो एक नये बॉस का अवतार होता है
घरवाले इसलिए जल्दी आने को कहते थे की बाहर सेफ नहीं
सास इसलिए जल्दी आने को कहती है की घूमना allowed नहीं
अब भी लड़की घड़ी से चल रही है, अब भी नियम हैं, ज़्यादा सख़्त
वो क्या है ना की इंसान की प्रकृति ही ऐसी है, ताक़त मिले तो वह उपयोग ज़रूर करता है
सदुपयोग जितने काबिल तो हम नहीं, इसलिए ताक़त का हमेशा दुरुपयोग होता है
और ऐसा नहीं के ये लड़की एक अच्छी सास बनेगी , वहीं बनेगी जो training हो रही है
क्यूंकी सास भी कभी बहू थी का असली मायाना यह है
वो नहीं जो #SmiritiIrani दुनिया को दिखा के गयी
सही समाज बहुत पीछे है |